मेरी मम्मा
मैंने दुनिया की सबसे बड़ी हस्ती देखी है।
अपनी मां के रूप में एक अद्भुत शक्ति देखी है।।
यूं तो कठिनाइयां बहुत थी उनके जीवन में।
किन्तु अनेक समस्याओं में भी मैने
अपनी मां मुस्कुराती देखी है।।
घर की जिम्मेदारी और बच्चों की चिन्ता।
समस्त कार्यों के बीच मन ऐसा उलझता।।
अनेक मुश्किलों से अकेले लड़ते देखी है।
बचपन से मैने एक अद्भुत शक्ति देखी है।।
हमें पढ़ाया, लिखाया और काबिल बनाया।
हर समस्या से लड़ना मां तूने सिखाया।।
हंसते, खेलते और सोते समय भी।
जीवन की शिक्षाएं तूने हमें दी।।
भविष्य की चिंताओं के बीच मुस्कुराती देखी है।
बचपन से मैने एक अद्भुत शक्ति देखी है।।
जीवन में संस्कार के बीज डाले।
जिनधर्म महिमा हृदय में संवारे।।
जिनदर्शन -पूजन, व्रतादिक सिखाया।
नीति से जीना मां तूने सिखाया।।
मैने मां के रूप में गुरु मां देखी है।
बचपन से मैने एक अद्भुत शक्ति देखी है।।
हे जन्मदाता, हे संस्कारदाता,
हे शिक्षा प्रदाता, मेरी प्रिय माता।।
तेरे जन्म दिन पर मेरी भावना है।
तू जन्मादि नाशे यही कामना है।।
मैं ही हूं भगवन ये स्वीकार करके,
इस स्त्री पर्याय से मुक्त होके।
पुरुष बन, मुनि बन, निज आत्मा के बल से।
सदा मुक्त हो जाओ संसार दुःख से।।
सदा मुक्त हो जाओ संसार दुःख से।।
दूर है हम आपसे पर सदा दिल के पास है।
नेहा, विनय, सम्भव, हम आपके ही दास है।।
~ सम्भव जैन शास्त्री, श्योपुर