Tuesday, April 12, 2022

सद्वाक्य संकलन :-

जिन्दगी में हमेशा हमें दो रास्ते दिखाई देंगे, एक सही दूसरा गलत। गलत रास्ता बहुत आसान होगा, वह हमें अपनी तरफ खींचेगा,गलत रास्ते पर हो सकता है बहुत सारे लोग हमारा साथ देंगे, हमारी बहुत प्रशंसा होगी, लेकिन अंत में वहां दुःख ही मिलेगा, और दुःख बांटने वाला कोई नहीं मिलेगा।, सही रास्ता बहुत मुश्किल होगा वहां हमें बहुत सी परेशानियां आएगी, बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। हो सकता है प्रारंभ में सही रास्ते पर कोई हमारा साथ भी न दे, लोग हमारी निंदा करे, लेकिन अंत में वहां जरूर सुख मिलेगा। और आपके सुख को आपकी खुशियों को बांटने वाले भी बहुत लोग मिलेंगे।।

~ दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे…

सपने देखो, जरूर देखो, बस उनके पूरे होने की शर्त मत रखो।

~दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे।

बचपन, जवानी, बुढ़ापा, कोई चीज नहीं होती, इंसान की उम्र उतनी होती है, जितनी वह फील करता है।

~ दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे

कोई प्यार करे तो तुमसे करे, तुम जैसे हो वैसे करे, कोई तुम्हें बदल कर प्यार करे, तो वह प्यार नहीं सौदा करे।

~ मोहब्बतें...

जिन्दगी में ऊपर उठने के लिए कभी खुद को नीचे नहीं गिराना चाहिए।

~फिल्म बादल

बेटा अगर काबिल हो तो उसे पिता की कमाई की जरूरत नहीं पड़ती, और अगर नालायक हो तो कितना भी कमाओ कम पड़ता है।

~ जनता गराज

अगर हम सच के साथ है, तो जीतने तक हार नहीं मानेंगे।

~ घायल रिटर्न

लाईफ में परफेक्ट प्लानिंग जैसा कुछ नहीं होता, चलते-चलते एडजस्ट करना पड़ता है।

~ द सुपर खिलाड़ी 3

डॉक्टर में बड़ा-छोटा नहीं होता, सिर्फ डॉक्टर होता है।

विद्वान में बड़ा-छोटा नहीं होता सिर्फ विद्वान होता है।

और भगवान में बड़ा-छोटा नहीं होता सिर्फ भगवान होता है। 

 ~ फिदा फिल्म

बुराई जहर की तरह होती है , जो बहुत जल्दी फैलती है, और अच्छाई दवा की तरह, जो धीरे-धीरे असर करती है।

~ जय हो

यादें अच्छी हो या बुरी काटें की तरह चुभती है, और उनसे दर्द भी होता है।

~ एक दक्षिण भारत फिल्म

मेरा मकसद मेहनत से बचना नहीं , बल्कि मेरी मेहनत फालतू के मकसद से बचना है।

~ Ki&ka movie

एक सच्चा एम्प्लॉय अपने काम के प्रति बफादार होता है ना कि अपने मालिकों के प्रति, मालिकों का बफादार व्यक्ति अपना आत्मसम्मान खोकर जीवन भर चापलूस रह जाता है किंतु जो अपने कार्य के प्रति सच्चा और बफादार होता है वह व्यक्ति अपनी ईमानदारी का वेतन पाता हुआ सदैव स्वाभिमानी होता है।

 फिल्म ~ शिवकार्तिकेन

हमें लगता है अमीर लोग समझदार होते है, लेकिन ऐसा नहीं है उनकी बस किस्मत ही अच्छी होती है।

~ दक्षिण भारत फिल्म

जब तक मनुष्य स्वयं सत्य का ज्ञान ग्रहण करने के लिए तैयार ना हो, तक तक स्वयं भगवान भी उसे समझाने में असमर्थ है।

~महाभारत

जीवन में यदि अपमान मिलें, दुःख मिले, तो समझना पूर्व में धर्म का वहन नहीं किया इसलिए हमारा वर्तमान हमारे पूर्व के अधर्म के कारण ऐसा है, और वर्तमान में सफल होने के प्रयास अवश्य करना, मेहनत पुरुषार्थ अवश्य करना, किन्तु अधर्म मत करना, अधर्म का साथ कभी मत देना अन्यथा भविष्य भी दु:खमय ही होगा।

~ महाभारत

समय कठिन नहीं होता जब मनुष्य हंसना भूल जाता है तो समय कठिन प्रतीत होता है।

~ महाभारत

सम्मान सदैव स्वयं का स्वयं के लिए होना उचित है, जो दूसरों से सम्मान की अपेक्षा करता है, आशा करता है वास्तव में उसके लिए कोई सम्मान पर्याप्त होता ही नहीं है।

~महाभारत

जब चिन्ता हो तो चिन्तन करना चाहिए उसी से लाभ होता है।

~ महाभारत

जब तक कोई व्यक्ति दूसरों के आदेशों पर अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए जीवन जीता है, अपने जीवन में स्वयं का निर्णय नहीं लेता तब तक वह व्यक्ति अपने व्यक्तिगत धर्म की छांव में सार्वजनिक अधर्म करता है, और उसका दुष्परिणाम अत्यंत भयंकर होता है।

~ महाभारत

वास्तव में प्रत्येक जीव शक्ति रूप से परमात्मा ही है, किन्तु ये कोई जानता नहीं। राख में छुपा अंगार नहीं दिखता, और अज्ञान में छिपी आत्मा नहीं दिखती। और जो स्वयं को नहीं देख पाता वह ये इच्छा रखता है कि दूसरे उसे देखें, दूसरे हमें बताएं कि हम क्या है, कौन है, किन्तु दूसरे तो स्वयं अपने अज्ञान से घिरे रहते है और जो स्वयं को नहीं जानता वह हमें किसप्रकार बताएगा कि हम क्या है??

~ महाभारत

जिस मनुष्य को माता-पिता से परिवार से सम्मान नहीं मिलता, उस मनुष्य को  किसी भी सम्मान से कभी भी सुख प्राप्त भी होता।

~ महाभारत

दोषों का उत्पन्न होना अपराध नहीं है, बल्कि  दोषों को छुपाना अपराध है ।

~ महाभारत

जो व्यक्ति अपना व्यवहारिक जीवन समाज के लिए जीता है उसे स्वयं के किसी लाभ की तो अपेक्षा ही नहीं होती, और जो अपना व्यवहारिक जीवन मात्र स्वयं के लिए अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए जीता है वो स्वयं को तथा समाज को केवल हानि पहुंचाता है।

- महाभारत

सत्य को समझना कठिन है, और उसे स्वीकारना उससे भी कठिन है।

~ राधेकृष्णा सीरियल

जिस प्रेम को भुलाने का मन करे, या जिस प्रेम में भय उत्पन्न हो , वह प्रेम, प्रेम नहीं केवल भ्रम है।

~ राधेकृष्णा सीरियल

धीरज, धर्म, मित्र, अरु नारी आपात काल परखिए चारी।

राधे कृष्णा

~ राधेकृष्णा सीरियल

प्रथा (परम्परा) मनुष्य के लिए बनी है, मनुष्य प्रथा (परम्परा) के लिए नहीं।

~ राधेकृष्णा सीरियल

जब करने के लिए प्रेम है तो क्रोध करना ही क्यूं ??

~ राधे कृष्णा सीरियल

धर्म का पथ सरल कदापि नहीं है किन्तु सर्वश्रेष्ठ अवश्य है।

~ राधे कृष्णा सीरियल

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